Diwali 2022 Kab Hai: भारत में नवरात्रि के बाद और भी बहुत सारे त्योहारों की शुरुआत हो जाती है Dussehra Puja 04 तारीख को मनाया जायेगा और उसके बाद दीपावली और फिर छठ पूजा।
Diwali 2022 Kab Hai
Diwali 2022 Kab Hai: भारत में हिंदी पंचांग के अनुसार हम त्योहारों को मनाते हैं तो इसके अनुसार Deepawali या diwali कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होता है। इस त्यौहार में हम ऐश्वर्य की माता लक्ष्मी एवं भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना श्रद्धा पूर्वक करते हैं।
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि Diwali 2022 Kab Hai एवं साथ ही पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में भी बात करेंगे तो आइए दीपावली के डेट के साथ ही इसके शुभ मुहूर्त के बारे में भी जान लेते हैं।
Diwali 2022 Date

2022 में Diwali का त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या को पड़ रहा है यानी 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को दीपावली त्यौहार मनाया जाएगा। अमावस्या 24 अक्टूबर को सुबह 06:33 बजे से शुरू होगा एवं अगले दिन यानी 25 अक्टूबर सुबह 02:44 बजे तक रहेगा।
Dipawali 2022 शुभ पूजन मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर शाम 18:54:52 बजे से शुरू होगा एवं शाम 20:16:07 बजे तक रहेगा। प्रदोष काल भी इसी दिन शाम 17:43:11 बजे से शुरू होकर शाम 20:16:07 बजे तक रहेगा।
24 अक्टूबर को ही वृषभ काल शाम 18:54:52 बजे से शुरू होकर रात 20:50:43 बजे तक रहेगा अब हम नीचे चौघड़िया मुहूर्त का समय देखेंगे।
चौघड़िया मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन
चौघड़िया मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन 24 अक्टूबर को सायंकाल 17:29:35 बजे से शुरू होकर शाम 19:18:46 बजे तक रहेगा फिर सायंकाल ही 22:29:56 से 14:49 तक रहेगा एवं लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त 25 अक्टूबर 24:05:31 बजे से शुरू होकर 30:27:51 बजे तक रहेगा।
रात में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त 24 अक्टूबर को सायंकाल 23:40:02 बजे से शुरू होकर रात 24:31:02 बजे तक रहेगा।
लक्ष्मी पूजा विधि
लक्ष्मी पूजा के लिए नहा धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए एवं तन मन से भगवान को अपने हृदय में बसाकर पूजा अर्चना करना होता है। पूजा होने के बाद अंत में लक्ष्मी जी की आरती मंत्र के उच्चारण के साथ करना होता है।
लक्ष्मी पूजन होने के बाद गरीब एवं ब्राह्मण को दान करने का विशेष महत्व होता है। आप गरीब से गरीब लोगों को दान के रुप में पैसा एवं वस्त्र और मिठाइयां दे सकते हैं।
जानें दीपावली का महत्व
दीपावली का त्यौहार धनतेरस से शुरू होता है और भैया दूज तक चलने वाला ये त्यौहार बहुत पुराना है इस त्यौहार को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है।
इस पोस्ट में हम दीपावली के महत्व एवं इसके इतिहास के बारे में जानेंगे ये त्यौहार क्यों मनाया जाता है एवं इसकी शुरुआत कब हुई थी इन सभी बातों को जानने के लिए आप इस पोस्ट को कंटिन्यू पढीये।
माना जाता है कि भगवान श्री राम रावण का वध करने के बाद जब अयोध्या लौटे थे तो उसी की खुशी में पूरे देशवासी दीप जलाकर भगवान राम के आने की खुशी मनाए थे और तभी से दीपावली का त्यौहार मनाना शुरू किया गया था।
मान्यता के अनुसार इसी दिन को मां दुर्गा ने काली का रूप लिया था एवं भगवान महावीर को भी इसी दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। और इसी दिन को पांडव भी अपना वनवास एवं अज्ञातवास को समाप्त करके वापस लौटे थे।
दीपावली का इतिहास
दीपावली के दिन यानी कार्तिक के महीने में अमावस्या को माता लक्ष्मी क्षीर सागर में प्रकट हुई थी और इसीलिए दीपावली पूजन में माता लक्ष्मी का पूजा का विधान है।
दीपावली के पहले से ही लोग घरों की साफ-सफाई एवं सजावट करना शुरू करते हैं और दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी का पूजन होता है।
रामायण के अनुसार त्रेता युग में कार्तिक के महीने में अमावस्या को भगवान श्री राम सीता एवं लक्ष्मण श्रीलंका से अयोध्या के लिए वापस लौटे थे और उन्हीं के भव्य स्वागत में अयोध्या वासी नगर में दीप जला के एवं मिठाइयां बांटकर खुशी मनाए थे।
और तभी से कार्तिक अमावस्या को घर-घर दीप जलाकर एवं मिठाईयां बांटकर खुशी मनाई जाती है और इसे ही हम दीपावली का त्यौहार बोलते हैं।
और अंत में
वैसे तो दीपावली का त्यौहार दीप जलाकर एवं मिठाइयां बांट के ही मनाने का विधान रहा है लेकिन समय के साथ हमने अलग-अलग तरह के पटाखे फोड़ने का भी सिलसिला चालू किया और इसी को देखते हुए कई बड़ी-बड़ी कंपनियां अपना पटाखे का व्यापार को बढ़ावा दिया।
दीपावली में बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े जाते हैं जिससे प्रदूषण बढ़ने के साथ ही कई बार पटाखों से जलने एवं आग लगने की घटनाएं भी देखी जाती है।
दीपावली का त्यौहार अंधेरों में उजालों का जीत का त्यौहार है इसे हमें रोशनी कर के दीप जलाकर मनाना चाहिए और कोशिश यही करना चाहिए कि कम से कम पटाखों का इस्तेमाल करें।
आजकल लोग दीप के जगह विदेशी बल्ब जलाते हैं तो हम आपसे यही अनुरोध करेंगे कि आप उन छोटे व्यापारियों को कुम्हारों के हाथों से बनाया हुआ दीप को ही अपने घर में जलाएं ना कि विदेशी कंपनियों के इलेक्ट्रॉनिक बल्बों को।
तो हमने यहां पर जाना Diwali 2022 Kab Hai और साथ ही इसके महत्व एवं इतिहास के बारे में भी जानकारी लिया।
अगर आपको ये पोस्ट Deepawali 2022 Kab Hai पसंद आई हो और आपके पास इस पोस्ट से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करना ना भूले।

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बहुत अच्छा लगा आपका पोस्ट सर ꫰
आभार आपका
भाई बहुत अछि जनकरी है हमे पढे के अच्छा लगा ।
happy diwali