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Dussehra Puja 2024 Kab Hai | दशहरा पूजा का इतिहास

Dussehra Puja 2024 Kab Hai दशहरा कब है दशहरा पूजा हिंदू धर्म में एक बड़ा त्योहार के रूप में मनाया जाता है, प्रभु श्री राम के द्वारा रावण को मारे जाने के बाद से ही इस त्यौहार को मनाना शुरू किया गया था।

हिंदू धर्म में दशहरा पूजा एक प्रमुख त्यौहार होता है इसलिए भारत में दशहरा पूजा एक बड़ा त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दशहरा के बाद Diwali 2024 और फिर Makar Sankranti 2024 का त्यौहार आता है।

अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में दशमी को रावण के पुतले को जलाकर दशहरा पूजा मनाया जाता है क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि Dussehra Puja 2024 Kab Hai तो चलिए दशहरा पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में आगे के पोस्ट में जान लेते हैं।

Dussehra Puja 2024 Kab Hai

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Dussehra 2024 त्योहार को 12 अक्टूबर शनिवार के दिन पुरा देश में मनाया जाएगा। दशहरा के ही दिन प्रभु श्री राम ने रावण को मारा था और इसी दिन से दशहरा पूजा मनाने की प्रथा चली आ रही है माना जाता है कि इसी दिन मां दुर्गा के हाथों राक्षस महिषासुर का वध हुआ था।

इन दिनों हमारे द्वारा किए गए हर शुभ काम का शुभ एवं लाभ फल जरूर ही मिलता है और ये मान्यता हिन्दू धर्म में सदियों से चली आ रही है।

प्रभु श्री राम ने रावण का वध करके यह सिद्ध किया था कि हमेशा बुराई के ऊपर अच्छाई की ही जीत होती है धर्म भले कुछ देर के लिए विचलित हो जाता है लेकिन लास्ट में इसी की जीत होती है।

दशहरा पूजा त्यौहार को हम बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं यह त्यौहार हिंदू धर्म में बड़े त्योहारों में होता है।

दसारा पूजा साल के पर्व अश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन हम मनाते हैं विजयादशमी को रावण को जलाने के साथ ही अगले दिन इस पूजा की समाप्ति होती है।

Dussehra 2024 Subh Muhurt

अगर दशहरा 2024 के शुभ मुहूर्त के बारे में बात करें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाएगा और यह दशमी तिथि 11 अक्टूबर पड़ता है इसी दिन शाम 5:44 से शुरुआत होगी।

दशहरा शुभ मुहूर्त का समाप्ति अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को 09:08AM मिनट पर समाप्त होगा।

विजय दशमी कब है

12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होगी और 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।

दशहरा में शस्त्र पूजा

इसी दिन मां दुर्गा के हाथों महिषासुर का वध हुआ था एवं प्रभु श्री राम के हाथों रावण का वध हुआ था इसलिए इन दिनों में लोग अपने शस्त्रों की भी पूजा करते हैं।

मान्यता है कि इन दिनों प्रभु श्री राम और मां दुर्गा के पूजा के साथ ही शास्त्रों की भी पूजा करने से जीवन में संपूर्ण बाधाओं पर विजय प्राप्त होती है।

सनातन परंपरा में दशहरा के दिन शास्त्र एवं शस्त्र की खास अहमियत होती है दशहरा पूजा से हमें आत्मरक्षा धर्म सम्मत तरीके से करने का ज्ञान मिलता है इसलिए इन दिनों हम अपने शस्त्रों की भी पूजा करते हैं, तो चलिए Dussehra Puja Kab Hai के बाद अब दशहरा 2024 शुभ मुहूर्त भी जान लेते है।

दशहरा में राम सीता एवं लक्ष्मण का पूजन

दशहरा 2024 – दशहरा पूजा में भगवान राम माता सीता एवं लक्ष्मण की पूजा की जाती है। रावण पर विजय पाने के बाद राम, सीता एवं लक्ष्मण तीनों अयोध्या वापस आए थे और फिर इनका पूजन करने के बाद पूरे अयोध्यावासी खुशियों का त्यौहार मनाया था।

दशहरा पूजा का इतिहास

वैसे तो दशहरा पूजा का इतिहास हजारों साल पुराना है हजारों साल पहले जब इस पृथ्वी पर अताताइ रावण हुआ करता था और उसका अन्याय एवं क्रूरता पूरी धरती पर फैली हुई थी तो कहते हैं उसी क्रूर रावण को मारने के लिए प्रभु श्री राम का जन्म हुआ।

जब प्रभु श्री राम ने उस क्रूर रावण को मार के इस धरती को राक्षसों से मुक्त कराया था तो ये युद्ध 10 दिन तक चला था और दसवें दिन प्रभु श्री राम ने रावण पर विजय पाई थी इसलिए दशमी को विजयदशमी भी कहा जाता है।

ये कथा गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखा गया राम चरित मानस से लिया गया है। प्रभु श्री राम के भार्या सीता माता का हरण रावण नाम के राक्षस ने कर लिया था और उन्हीं को मुक्त कराने के लिए श्री राम ने बजरंगबली, सुग्रीव, जामवंत एवं तमाम वानर सैनिकों के साथ लंका पर धावा बोले थे।

ये लड़ाई 10 दिन तक चली और दसवां दिन प्रभु श्री राम ने रावण पर विजय पाई थी इसलिए इस दिन को विजयदशमी का नाम दिया गया और तभी से दशहरा पूजा मनाना एवं इस दिन शस्त्र पूजा करने की प्रथा चली आ रही है।

दशहरा में रामलीला

दशहरा त्यौहार में दशमी को रामलीला का आयोजन होता है जिसमें प्रभु श्री राम, माता सीता एवं लक्ष्मण के सात रामायण के अन्य पात्रों के साथ में रामलीला का आयोजन होता है।

रामलीला देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं एवं जिस तरह से टीवी सीरियल रामायण को हम टीवी पर देख पाते हैं वैसे ही रामलीला देखने का आनंद मिलता है।

दशमी को रामलीला का आयोजन खत्म होने के बाद लास्ट में श्री राम जी के रूप में बना हुआ पात्र रावण के पुतले पर तीर चला के उसमें आग लगा देता है और फिर पुतला जल जाने के बाद सभी लोग अपने अपने घरों को वापस होते हैं।

Dussehra Puja Kab Hai – दशहरा कब है

तो हमने यहां Sushiltechvision पर जाना दशहरा कब है Dussehra Puja 2024 Kab Hai एवं इसके शुभ मुहूर्त तारीख एवं समय के बारे में भी बात किया।

कोई भी त्यौहार आते ही हमारे मन में खुशियों का लहर दौर आता है लेकिन आज के समय में हर त्यौहार को मनाने के साथ ही इससे जुड़ी कुछ सावधानियों को भी बरतनी चाहिए।

त्यौहार मना कर हम अपने देवी-देवताओं एवं महापुरुषों के द्वारा किए गए पराक्रम को याद करते हैं साथ ही हमें उनसे सीख लेनी चाहिए।

हर त्यौहार हमें कुछ न कुछ सिखाता है और त्यौहार की अच्छाइयों को अपने जीवन में उतारने का प्रयत्न करना चाहिए तभी हमें त्यौहार मनाने का फायदा होता है।

दशहरा कब है- दशहरा त्यौहार बुराइयों पर अच्छाइयों का विजय का प्रतीक है इससे हमें यह सीख मिलता है कि बुराई चाहे कितना भी ताकतवर हो जाए लेकिन एक दिन उसकी हार निश्चित होती है।

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